Shikha Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -07-Dec-2021 - सुबह


सुबह ने फैलाई लालिमा , 
छुपती रही यहाँ कालिमा |
भोर हुई तो चिड़िया बोली 
सारे जग ने आंखें खोली |
निकलता सूरज मद्धम मद्धम , 
फैली किरणें को कदम दर कदम |
दिनचर्या शुरू हुई सब की ,
याद आई सबको रब की |
मंदिरों के घंटे बजने लगे ,
लोग सैर को भी जाने लगे |
नवयौवनाओं  ने ली अंगड़ाई ,
सजन ऑफिस की घड़ी आई | 
चूल्हा चौका संभाला जब से, 
नींद पूरी हुई हैं नहीं तब से |
सारा दिन अब व्यस्त रहेंगे ,
मस्त हैं हम यही बस कहेंगे |
मुस्कान का आवरण बना ,
छोड़ेंगे हम अब अंधेरा घना |
इस सुबह की बात ही निराली, 
आओ पियो तुम चाय की प्याली |
धूप से चेहरा रौनक होगा ,
अथरों पर न पहरा होगा |

प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली) 

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7 Comments

Seema Priyadarshini sahay

08-Dec-2021 05:39 PM

बहुत ही खूबसूरत रचना

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Raghuveer Sharma

08-Dec-2021 01:50 PM

bahut khub

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Shrishti pandey

07-Dec-2021 11:09 PM

Nice

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